फ्रांस और भारत के संबंधो को किस प्रकार तय करेंगी बैस्टिल डे परेड ।।।।
जून 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से, भारत और फ्रांस के बीच 75 वर्षों से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। 1998 में, भारत और फ्रांस ने अपने राजनयिक संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया, जिसने जनवरी, 2023 में 25 साल पूरे कर लिए। यह रणनीतिक साझेदारी, यूरोपीय संघ के बाहर फ्रांस के लिए पहली बार, भारत-फ्रांस संबंधों के व्यापक विकास में सहायक रही है।
रक्षा और सुरक्षा, अंतरिक्ष और नागरिक परमाणु मामलों के क्षेत्रों में सहयोग रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं। भारत और फ्रांस द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय प्रारूपों में सहयोग के नए क्षेत्रों में तेजी से ज इंडो पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा और उन्नत कंप्यूटिंग, आतंकवाद का मुकाबला, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास और अन्य
कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर उच्च स्तर की समानता साझा करते हैं। फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता और संयुक्त राष्ट्र के सुधारों के लिए भारत के दावे का समर्थन करना जारी रखा है। (MTCR वासेनार (WA) और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (AG) में भारत के शामिल होने में फ्रांस का समर्थन महत्वपूर्ण था। फ्रांस परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने की भारत की कोशिश का समर्थन करना जारी रखता है। भारत ने हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) में फ्रांस की सदस्यता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और फ्रांस ने एक पर्यवेक्षक देश के रूप में हिंद महासागर आयोग में भारत के शामिल होने का समर्थन किया।
भारत और फ्रांस ने लगातार आतंकवाद की निंदा की है और संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) को अपनाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। पुलवामा हमले (फरवरी 2019) के बाद, फ्रांस ने दृढ़ता से भारत का समर्थन किया और पाकिस्तान स्थित 'वैश्विक आतंकवादी' हाफिज सईद को राष्ट्रीय स्तर पर सूचीबद्ध किया, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र में उसको सूचीबद्ध किया गया। फ्रांस ने यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति के तहत भारतीय नागरिकों को शामिल करने के पाकिस्तान के प्रयासों को रोकने के भारत के अनुरोध का समर्थन किया। भारत और फ्रांस आतंकवाद से मुकाबले पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) के हिस्से के रूप में अपने आदान-प्रदान का समन्वय करते हैं। भारत के साथ और एकजुटता दिखाते हुए, फ्रांस ने 18-19 नवंबर, 2022 तक नई दिल्ली में आयोजित नो मनी फॉर टेरर (एनएमएफटी) पर तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के लिए डिजिटल ट्रांज़िशन मंत्री श्री जीन-नोएल बैरोट को भारत भेजा था।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को बैस्टिल परेड में हिस्सा लेने जा रहे हैं। जो कि भारत के लिए बहुत ही अविस्मरणीय संस्मरण हैं। वही भारत की और से रक्षक दल भी इस परेड में हिस्सा लेने गया है।
बैस्टिल पेरिस की एक इमारत का नाम है। ये मध्य युग के एक किला और जेल का नाम है। शुरू में बैस्टिल का निर्माण किले के तौर पर किया गया था जो पेरिस शहर के पूर्वी दरवाजे की रखवाली के काम आता था। बाद में ये फ्रांस का राज्य कारागार बन गया। 17वीं और 18वीं सदी के दौरान जब शासन के खिलाफ लोगों में असंतोष बढ़ने लगा तो इस जेल का इस्तेमाल महत्वपूर्ण नेताओं को कैद करने के लिए किया जाने लगा। 14 जुलाई, 1789 को क्रांतिकारियों की एक गुस्साई भीड़ ने इस जेल पर धावा बोल दिया और मौके से सात कैदियों को छुड़ा लिया। ये काफी हद तक फ्रांसीसी क्रांति का संकेत माना गया। इसके बाद साल 1880 से हर साल 14 जुलाई को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इंडोनेशिया में जी 20 सम्मेलन के दौरान 16 नवंबर 2022 को राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई इस सम्मेलन के मौके पर। उनकी मुलाकात पर फोकस बिंदु रक्षा, परमाणु ऊर्जा, व्यापार और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना। तथा यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभाव जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा भी शामिल है
हाल ही में 14 फरवरी 2023 को, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मैक्रॉन ने एयर इंडिया और एयरबस के बीच नई साझेदारी के लॉन्च कार्यक्रम में भाग लिया क्योंकि एयर इंडिया ने एयरबस से 250 विमान प्राप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है।
वही 20 मई 2023 को हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ने मैक्रोन के साथ द्विपक्षीय बैठक की 4 मई 2023 को, पीएम डेनमार्क से लौटते समय पेरिस में रुके थे जो यह दिखाता है की भारत के लिए फ्रांस कितना महत्वपूर्ण हैं।
....भारत और फ्रांस के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय निवेश और व्यापार और वाणिज्यिक सहयोग है, विशेष रूप से आईटी कॉरिडोर, स्मार्ट-सिटी, रेलवे, पूंजी और व्यापार आदान-प्रदान, कौशल विकास आदि से जुड़े क्षेत्रों में। फ्रांस भारत के लिए एफडीआई का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। भारत में पहले से ही 1,000 से अधिक फ्रांसीसी प्रतिष्ठान मौजूद हैं। अप्रैल 2000 से दिसंबर 2022 तक 10.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संचयी निवेश के साथ फ्रांस भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का 1.68% दर्शाता है। सबसे अधिक एफडीआई इक्विटी प्रवाह सेवा क्षेत्र, सीमेंट और जिप्सम उत्पादों, हवाई परिवहन (हवाई माल ढुलाई सहित) और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (7.22%) में है। ये 4 क्षेत्र अप्रैल 2000 से दिसंबर 2022 तक फ्रांस से कुल इक्विटी प्रवाह का लगभग 43% प्रतिनिधित्व करते हैं।
समझौता ज्ञापन और समझौते भारत और फ्रांस ने वाणिज्यिक संबंधों के विस्तार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें दोहरा कराधान बचाव सम्मेलन (डीटीएसी), पर्यटन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, बौद्धिक संपदा पर समझौता ज्ञापन और एक सामाजिक सुरक्षा छूट समझौता (एसएसए) शामिल हैं। अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित सबसे हालिया समझौता ज्ञापनों में नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास और उद्यमिता, एक उन्नत कंप्यूटिंग पर समझौता ज्ञापन शामिल हैं।
. यह अनुमान लगाया गया है कि मुख्य भूमि फ्रांस में एनआरआई सहित भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 109,000 है, जो मुख्य रूप से पुदुचेरी, कराईकल, यनम, माहे और चंद्रनगर के फ्रांसीसी परिक्षेत्रों से आती है।
हाल ही में फ्रांस में आन्दोलन की बयार आई थी पहली तो पेंशन सुधार के लिए तो दूसरी एक लड़के की पुलिस द्वारा मौत की घटना।
इससे भारतीय मूल के लोगो में भी भय व्याप्त था ।
भारत के लिए फ्रांस कई मायनों में जरूरी राष्ट्र है। वही फ्रांस को भी भारत की जरूरत है। ऐसे में यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधो को और आगे बढ़ाएगा ।।।।
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